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ट्रस्ट का गठन :
संगठन का गठन भारतीय ट्रस्ट अधिनियम 1882 के अन्तर्गत पंजीकृत सामाजिक ट्रस्ट है जिसका नाम अन्तर्राष्ट्रीय मानव सुरक्षा एवं न्याय परिषद है जिसको नीति आयोग भारत सरकार एवं उधोग आधार द्वारा भी पंजीकृत कराया गया है जिसकी पंजीयन संख्या 66/2018 है, आम जनता के सामाजिक कल्याण एवं विकास के लिये एक सामाजिक ट्रस्ट का पंजीकरण किय गया था जिससे समाज मे फैले भ्रष्ट्राचार और आम जनता के अधिकारों एवं मानवीय हनन के खिलाफ सभी एक जुट होकर सामना करे जिससे समाज का विकास हो सके इसी सम्बन्ध मे एक सामाजिक ट्रस्ट अन्तर्राष्ट्रीय मानव सुरक्षा एवं न्याय परिषद। संगठन को सशक्त बनाने और आमजनता की समस्याओं को शासन प्रशासन तक पहुंचाने के उद्देश्य से ट्रस्ट में आवश्यकतानुसार पदो एवं प्रकोष्ठों का गठन किया जायेगा जिससे जनमानस की समस्यों के निदान हेतु संगठन के समस्त पदाधिकारी निःस्वार्थ भाव कार्य करेंगे। जिसमें एक प्रबन्ध कार्यकारिणी एवं प्रकोष्ठों का विवरण निम्न प्रकार है, संस्थापक अध्यक्ष जो मुख्य ट्रस्टी होगा जिसका चुनाव नहीं होगा, (मुख्य ट्रस्टी के न रहने पर पूर्व से उसके द्वारा नामित परिवार के उसी सदस्य को मुख्य ट्रस्टी/राष्ट्रीय अध्यक्ष माना जायेगा) एक मुख्य संरक्षक, चार संरक्षक, एक मुख्य सलाहकार, चार सलाहकार, एक संयोजक, पांच उपाध्यक्ष आठ सचिव एक प्रमुख महासचिव, चार महासचिव, चार संगठन सचिव, एक पीआर0ओ0, चार मीडिया प्रभारी, चार प्रवक्ता, चार विधिक सलाकार, एक कोषाध्यक्ष तथा अन्य सदस्यों को मिलाकर एक ट्रस्ट की राष्ट्रीय कार्यकारिणी होगी। इसके अलावा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ विधि प्रकोष्ठ यूथ प्रकोष्ठ महिला प्रकोष्ठ आर0टी0आई0(सूचना) प्रकोष्ठ, पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ आदि प्रकोष्ठों का गठन किया जायेगा एवं आवश्यकतानुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा पदों एवं प्रकोष्ठों की संख्या घटाई व बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा देश व समाज के विकास हेतु सम्पूर्ण भारत वर्ष के चार परिक्षेत्रों नार्थ, ईस्ट, वेस्ट, साउथ के प्रभारी एवं समस्त राज्यों, मण्डलों/सम्भागों, जिलों, तहसील, ब्लॉक, नगर, एवं ग्राम-स्तर पर समाज व देश में फैले व्यापक भ्रष्टाचार एवं मानवाधिकार हनन की समस्याओं का निराकरण करने हेतु। राष्ट्रीय अअध्यक्ष की अनुमति से कार्यकारिणी का गठन किया जायेगा। साथ ही साथ संगठन को सुचारू रूप से चलाने के लिए एवं पदाधिकारियों की कार्यसैली पर निगरानी रखने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा 7 सदस्यों की कोर कमेटी, एवं 21 सदस्यों को मिलाकर सलाहकार बोर्ड का भी गठन किया जाएगा जो राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशन में कार्य करेंगे औऱ अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौपेगे।
क्या अन्तर्राष्ट्रीय मानव सुरक्षा एवं न्याय परिषद पंजीकृत संगठन है ?
1. समस्त नागरिकों के सामाजिक, मानसिक, नैतिक, चरित्र, बौद्धिक, विकास करना।
2. समस्त नागरिकों के परिवार के गरीब बच्चों के विकास के लिये हर सम्भव प्रयास करना।
3. आम जनता के अधिकारों के हितों की रक्षा करना।
4. देश मे फैल रहे आतंकवाद एवं भष्ट्राचार के खिलाफ एक जुट होकर सामना करना।
5. देश मे सभी के बीच आपसी प्रेम सद्भावना एवं भाई चारे की भावना जागृत करना।
6. समाज की विधवाओं, बृद्धो, अनाथ बच्चों तथा निराश्रित के कल्याण हेतु हर सम्भव प्रयास करना।
7. देश व समाज के विकास हेतु देश व विदेश की बड़ी-बड़ी संस्थाओं से सम्पर्क करना।
8. ऑफिसों कार्यालयों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा ली जा रही घूस के खिलाफ आवाज उठाना।
9. आमजनता के अधिकारों के हो रहे हनन व उनके ऊपर हो रहे जुर्म और अत्या चार के खिलाफ आवाज बुलन्द करना।
10. राष्ट्रीय एकता एवं सम्प्रदायिक सद्भाव शिवरों का आयोजन करना तथा लोगों में आपसी सोहार्द एवं विश्व बन्धुत्व की भावना जागृत करना।
11. पीड़ित लोगों की हर सम्भव सहायता करना।
12. समाज में फैली कुरीतियों जैसे महिलाओं पर हो रहे अत्याचार, दहेज प्रथा, बाल विवाह, महिलाओं से अभ्रदता आदि समस्त कुरीतियों को दूर करने का प्रयास करना।
13. गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने के लिये विद्यालय एवं महाविद्यालय खोलना एवं सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में मिल रही सहायता दिलवाने का प्रयास करें।
14. देश मे फैला आतंकवाद एवं भष्ट्राचार जैसी समस्याओं के निराकरण हेतु हर सम्भव प्रयास करना तथा इस कार्य हेतु शासन एवं प्रशासन से सम्पर्क स्थापित करना।
15. पुलिस और आम नागरिकों के बीच व्यवहार कायम करना।
16. मानवाधिकार संरक्षण के लिये राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्पर्क स्थापित करना।
17. मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय स्तर आवाज उठाना।
18. सामाजिक एवं लोकहित को ध्यान में रखते हुये न्यायालयों को सहयोग करना।
19. पीड़ित व्यक्तियों को निःशुल्क विधिक सहायता दिलाने हेतु हर सम्भव प्रयास करना।
20. मीड़िया कर्मियों के सहयोग से आम जनता की आवाज को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आवाज बुलन्द करना।
संगठन की सदस्यता :
अन्तर्राष्ट्रीय मानव सुरक्षा एवं न्याय परिषद मे वह सभी लोग सदस्यता ले सकते है जो 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके है एंव संगठन से लगाव रखते हो सदस्यता ग्रहण कर सकते है! इन सभी को सदस्यता गृहण करने हेतु ट्रस्टी /राष्ट्रीय अध्यक्ष की अनुमति लेनी होगी।
आजीवन सदस्यता /सदस्य्ता
सदस्यता के लिए प्रवेश एवं योग्यता :-
कोई योग्यता र्निधारित नहीं है। यह अध्यक्ष/प्रभारी के स्व-विवेक पर है ।
सदस्यता शुल्क :-
संगठन से जुड़ने वाले प्रत्येक इच्छुक व्यक्ति को संगठन के नियमों के अनुसार सदस्यता शुल्क अदा करना अनिवार्य है ।
अ)राष्ट्रीय कार्यकारिणी के लिए 7500/ जमा करेगे।
ब)प्रदेश अध्यक्ष के लिए रु0 5100/एवं अन्य प्रदेश स्तर के पदाधिकारी रु0 2100/ जमा करेगे।
स)आजीवन सदस्यता शुल्क रु0 2100/रु देकर अन्तर्राष्ट्रीय मानव सुरक्षा एवं न्याय परिषद संगठन के आजीवन सदस्य व 1100/रु देकर सक्रिय सदस्य बन सकते हैं।
द)जिला अध्यक्ष लिए रु0 1100/ एवं अन्य जिला स्तर के पदाधिकारी रु 525 /जमा करेगे।
य)साधारण सदस्यता शुल्क रु0 250/-
नोटः-समस्त प्रकोष्ठों की सदस्यता सहयोग राशि उपरोक्ततानुसार ही होगी
राष्ट्रीय अध्यक्ष किसी भी पदाधिकारी की सदस्यता रद्द या बहाल कर सकते हैं एवं किसी भी तरह के विवाद में न्यायक्षेत्र लखनऊ होगा।
सदस्यता के लिये नियम:-
1.मैं स्वेच्छापूर्वक अन्तर्राष्ट्रीय मानव सुरक्षा एवं न्याय परिषद के उन सभी उद्देश्यो एवं नियमों को स्वीकार करता हूँ/करती हूँ जो व्यक्तियों के नागरिक, धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक तथा संवैधानिक अधिकरों की रक्षा करते हैं।
2.मैं उन सभी शक्तियों का विरोध करूंगा/करूंगी जो किसी भी व्यक्ति का ग़ैरकानूनी प्रकार से उत्पीड़न करते हैं।
3.मैं अन्तर्राष्ट्रीय मानव सुरक्षा एवं न्याय परिषद की सदस्यता ग्रहण करने के उपरान्त सभी उद्देश्यों की पूर्ति के लिये निःस्वार्थ कार्य करूंगा/करूंगी।
4.मैं अपने कार्यों में पारदर्शिता तथा अन्तर्राष्ट्रीय मानव सुरक्षा एवं न्याय परिषद के लिए उत्तरदायी होने का पूर्ण निर्वाह करूंगा/करूंगी।
5.मैं समाज के अवांछनीय, असामाजिक तथा अपराधिक मामलों पर ध्यान दिया करूंगा/करूंगी।
6.मैं अन्तर्राष्ट्रीय मानव सुरक्षा एवं न्याय परिषद के कार्यों और बैठकों में हिस्सा लूंगा/लूंगी तथा दिये गये कार्यभार एवं उद्देश्यों की पूर्ति हेतु संविधान-सम्मत रूप से दिये गये कार्यो को स्वीकार करूंगा/करूंगी।
7.मैं अन्तर्राष्ट्रीय मानव सुरक्षा एवं न्याय परिषद के उद्देश्यों के विपरीत कोई भी कार्यवाही नहीं करूंगा/करूंगी। यदि मैं उद्देश्यों की अवहेलना करता पाया जाऊँ तो मेरी सदस्यता बिना कोई सूचना दिये तुरन्त समाप्त कर दी जाए।
8.मैं अन्तर्राष्ट्रीय मानव सुरक्षा एवं न्याय परिषद की सदस्यता प्राप्त करके मैं भी उन सौभाग्यशाली व्यक्तियों की सूची में शामिल होना चाहता हूँ/चाहती हूँ जिन्हें आपके सम्मानीय अन्तर्राष्ट्रीय मानव सुरक्षा एवं न्याय परिषद के सदस्य होने का गौरव प्राप्त है।
अधिक जानकारी या किसी भी समस्या के लिए के लिए सम्पर्क करें :- 09454110126 , 09794100006, 08802752786